वैदिक संस्कृति पर GK MCQs – प्राचीन भारतीय इतिहास

वैदिक संस्कृति पर GK MCQs – प्राचीन भारतीय इतिहास

वैदिक संस्कृति पर GK MCQs के माध्यम से प्राचीन भारतीय इतिहास की गहरी समझ विकसित करें। यह विषय विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे State Police, SSC CGL, SSC CHSL, UPSC, Banking Exams, RRB Exams, CTET, NDA, CDS आदि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन MCQs के माध्यम से वैदिक काल की सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विशेषताओं को जानें और अपनी परीक्षा की तैयारी को सुदृढ़ बनाएं।

Q11. वैदिक काल में ‘विदथ’ क्या था?
a) एक प्रकार का यज्ञ
b) एक प्रकार का वाद्य यंत्र
c) एक सभा
d) एक प्रकार का आभूषण

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Correct Answer: c) एक सभा
Explanation: वैदिक काल में ‘विदथ’ एक प्रकार की सभा थी। यह सबसे प्राचीन सभा थी जिसका उल्लेख ऋग्वेद में 122 बार हुआ है। विदथ में धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक मामलों पर चर्चा होती थी।

Q12. वैदिक काल में ‘ऋत’ की अवधारणा का क्या अर्थ था?
a) युद्ध
b) प्राकृतिक नियम और व्यवस्था
c) कृषि
d) व्यापार

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Correct Answer: b) प्राकृतिक नियम और व्यवस्था
Explanation: वैदिक काल में ‘ऋत’ की अवधारणा प्राकृतिक नियम और व्यवस्था को दर्शाती थी। यह ब्रह्मांड के नियमों और नैतिक व्यवस्था का प्रतीक था। ऋत को सभी देवताओं से ऊपर माना जाता था और यह माना जाता था कि सभी देवता ऋत के अनुसार कार्य करते हैं।

Q13. वैदिक काल में ‘उपनयन संस्कार’ का क्या महत्व था?
a) विवाह का संस्कार
b) जन्म का संस्कार
c) शिक्षा आरंभ करने का संस्कार
d) मृत्यु का संस्कार

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Correct Answer: c) शिक्षा आरंभ करने का संस्कार
Explanation: वैदिक काल में ‘उपनयन संस्कार’ शिक्षा आरंभ करने का संस्कार था। इस संस्कार के बाद बालक को गुरुकुल में प्रवेश दिया जाता था। यह संस्कार लड़कों के जीवन में एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता था और इसे ‘दूसरा जन्म’ भी कहा जाता था।

Q14. वैदिक काल में ‘अग्निहोत्र’ क्या था?
a) एक प्रकार का शस्त्र
b) एक दैनिक यज्ञ
c) एक प्रकार का वस्त्र
d) एक प्रकार का आभूषण

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Correct Answer: b) एक दैनिक यज्ञ
Explanation: वैदिक काल में ‘अग्निहोत्र’ एक दैनिक यज्ञ था। इसमें प्रतिदिन सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अग्नि में आहुति दी जाती थी। यह यज्ञ गृहस्थ जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था और इसे करने से पुण्य की प्राप्ति होती थी।

Q15. वैदिक काल में ‘गोत्र’ का क्या अर्थ था?
a) गाय का बाड़ा
b) वंश परंपरा
c) एक प्रकार का यज्ञ
d) एक प्रकार का कर

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Correct Answer: b) वंश परंपरा
Explanation: वैदिक काल में ‘गोत्र’ का अर्थ वंश परंपरा से था। यह किसी ऋषि से शुरू होने वाली वंश परंपरा को दर्शाता था। प्रत्येक व्यक्ति अपने गोत्र से पहचाना जाता था और विवाह के समय गोत्र का विशेष ध्यान रखा जाता था।

Q16. वैदिक काल में ‘राजसूय यज्ञ’ का क्या महत्व था?
a) फसल के लिए यज्ञ
b) राजा के राज्याभिषेक का यज्ञ
c) वर्षा के लिए यज्ञ
d) युद्ध जीत के लिए यज्ञ

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Correct Answer: b) राजा के राज्याभिषेक का यज्ञ
Explanation: वैदिक काल में ‘राजसूय यज्ञ’ राजा के राज्याभिषेक का यज्ञ था। यह एक बड़ा और महत्वपूर्ण यज्ञ होता था जिसमें राजा को औपचारिक रूप से सिंहासन पर बैठाया जाता था। इस यज्ञ से राजा की शक्ति और प्रभुत्व की पुष्टि होती थी।

Q17. वैदिक काल में ‘ब्रह्मचर्य आश्रम’ का क्या अर्थ था?
a) वानप्रस्थ जीवन
b) गृहस्थ जीवन
c) विद्यार्थी जीवन
d) संन्यास जीवन

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Correct Answer: c) विद्यार्थी जीवन
Explanation: वैदिक काल में ‘ब्रह्मचर्य आश्रम’ विद्यार्थी जीवन को दर्शाता था। यह चार आश्रमों में से पहला था, जो जन्म से लेकर लगभग 25 वर्ष की आयु तक चलता था। इस काल में युवा को अविवाहित रहकर, आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करते हुए शरीर, मन, इच्छाशक्ति और बुद्धि का विकास करना होता था।

Q18. वैदिक काल में ‘अश्वमेध यज्ञ’ का क्या महत्व था?
a) फसल के लिए यज्ञ
b) राजा की सर्वोच्चता स्थापित करने का यज्ञ
c) वर्षा के लिए यज्ञ
d) पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ

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Correct Answer: b) राजा की सर्वोच्चता स्थापित करने का यज्ञ
Explanation: वैदिक काल में ‘अश्वमेध यज्ञ’ राजा की सर्वोच्चता स्थापित करने का यज्ञ था। इसमें एक घोड़े को स्वतंत्र छोड़ दिया जाता था और जहाँ-जहाँ वह जाता, वहाँ के राजाओं को या तो युद्ध करना पड़ता था या आत्मसमर्पण। यह यज्ञ राजा की शक्ति और प्रभुत्व का प्रतीक था।

Q19. वैदिक काल में ‘ऋषि’ किसे कहा जाता था?
a) राजा को
b) सेनापति को
c) ज्ञानी और तपस्वी व्यक्ति को
d) व्यापारी को

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Correct Answer: c) ज्ञानी और तपस्वी व्यक्ति को
Explanation: वैदिक काल में ‘ऋषि’ ज्ञानी और तपस्वी व्यक्ति को कहा जाता था। ऋषि वे लोग थे जिन्होंने वेद मंत्रों की रचना की थी। वे आध्यात्मिक ज्ञान के धारक और समाज के मार्गदर्शक माने जाते थे।

Q20. वैदिक काल में ‘गृहस्थ आश्रम’ का क्या अर्थ था?
a) विद्यार्थी जीवन
b) वानप्रस्थ जीवन
c) गृहस्थ जीवन
d) संन्यास जीवन

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Correct Answer: c) गृहस्थ जीवन
Explanation: वैदिक काल में ‘गृहस्थ आश्रम’ का अर्थ गृहस्थ जीवन था। यह चार आश्रमों में से दूसरा आश्रम था, जिसमें व्यक्ति विवाह करके परिवार का पालन-पोषण करता था। इस आश्रम में धर्म, अर्थ और काम तीनों पुरुषार्थों का पालन किया जाता था।

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