समाज और अर्थव्यवस्था पर GK MCQs – प्राचीन भारतीय इतिहास
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए ‘समाज और अर्थव्यवस्था पर आधारित प्राचीन भारतीय इतिहास के GK MCQs’ एक महत्वपूर्ण संसाधन है। यह संग्रह प्राचीन भारत की सामाजिक संरचना, आर्थिक गतिविधियों, व्यापार, कृषि, और सांस्कृतिक पहलुओं से संबंधित प्रश्नों को समाहित करता है, जो UPSC, SSC, बैंकिंग, रेलवे, और अन्य परीक्षाओं में सफलता के लिए सहायक सिद्ध होगा। समाज और अर्थव्यवस्था पर GK MCQs के माध्यम से आप प्राचीन भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था की गहन समझ विकसित कर सकते हैं, जो आपकी तैयारी को सुदृढ़ बनाएगा।
Q21. प्राचीन भारत में ‘शूद्र’ का क्या कार्य था?
a) कृषि कार्य
b) व्यापार
c) सेवा कार्य
d) शिक्षा
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Correct Answer: c) सेवा कार्य
Explanation: प्राचीन भारत में ‘शूद्र’ का मुख्य कार्य सेवा कार्य था। वे समाज के अन्य वर्गों की सेवा करते थे और विभिन्न प्रकार के शारीरिक कार्यों में संलग्न होते थे। शूद्र समाज के चार प्रमुख वर्णों में से एक थे।
Q22. प्राचीन भारत में ‘धर्मशास्त्र’ का क्या महत्व था?
a) धार्मिक अनुष्ठान
b) सामाजिक नियम
c) व्यापारिक नियम
d) सैन्य नियम
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Correct Answer: b) सामाजिक नियम
Explanation: प्राचीन भारत में ‘धर्मशास्त्र’ सामाजिक नियमों का संग्रह था। इसमें समाज के विभिन्न वर्गों के कर्तव्यों, अधिकारों और आचरण के नियमों का वर्णन होता था। धर्मशास्त्र समाज की स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माने जाते थे।
Q23. प्राचीन भारत में ‘अर्थशास्त्र’ किसने लिखा था?
a) कालिदास
b) बाणभट्ट
c) चाणक्य
d) अश्वघोष
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Correct Answer: c) चाणक्य
Explanation: प्राचीन भारत में ‘अर्थशास्त्र’ चाणक्य ने लिखा था। यह ग्रंथ राज्य प्रशासन, अर्थव्यवस्था, कूटनीति और युद्धनीति के सिद्धांतों पर आधारित है। चाणक्य मौर्य साम्राज्य के प्रमुख मंत्री थे।
Q24. प्राचीन भारत में ‘ग्रामसभा’ किसे कहते थे?
a) ग्राम का प्रमुख
b) ग्राम के वृद्ध और अनुभवी लोग
c) ग्राम के व्यापारी
d) ग्राम के शिक्षक
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Correct Answer: b) ग्राम के वृद्ध और अनुभवी लोग
Explanation: प्राचीन भारत में ‘ग्रामसभा’ ग्राम के वृद्ध और अनुभवी लोगों की सभा होती थी। यह सभा गांव के महत्वपूर्ण निर्णयों में शामिल होती थी और ग्रामणी को सलाह देती थी। ग्रामसभा का मुख्य उद्देश्य गांव की समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
Q25. प्राचीन भारत में ‘वर्ण व्यवस्था’ का क्या महत्व था?
a) धार्मिक अनुष्ठान
b) सामाजिक वर्गीकरण
c) व्यापारिक नियम
d) सैन्य संगठन
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Correct Answer: b) सामाजिक वर्गीकरण
Explanation: प्राचीन भारत में ‘वर्ण व्यवस्था’ का महत्व सामाजिक वर्गीकरण में था। समाज को चार प्रमुख वर्णों में विभाजित किया गया था – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। यह व्यवस्था कर्म और जन्म पर आधारित थी और समाज की स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती थी।
Q26. प्राचीन भारत में ‘सप्तसिंधु’ का क्या अर्थ था?
a) सात नदियों का समूह
b) सात पर्वतों का समूह
c) सात नगरों का समूह
d) सात राजाओं का समूह
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Correct Answer: a) सात नदियों का समूह
Explanation: प्राचीन भारत में ‘सप्तसिंधु’ का अर्थ सात नदियों का समूह था। यह क्षेत्र सप्तसिंधु नदी प्रणाली के नाम से जाना जाता था और इसमें सिंधु, सरस्वती, गंगा, यमुना, सरयू, गोमती और कावेरी नदियाँ शामिल थीं। यह क्षेत्र कृषि और व्यापार के लिए महत्वपूर्ण था।
Q27. प्राचीन भारत में ‘गुरु’ का क्या कार्य था?
a) धार्मिक अनुष्ठान
b) शिक्षा देना
c) व्यापार करना
d) कृषि कार्य
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Correct Answer: b) शिक्षा देना
Explanation: प्राचीन भारत में ‘गुरु’ का मुख्य कार्य शिक्षा देना था। गुरु अपने आश्रम में विद्यार्थियों को धार्मिक, शास्त्रीय और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करते थे। गुरु-शिष्य परंपरा प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा थी।
Q28. प्राचीन भारत में ‘नागर’ किसे कहा जाता था?
a) ग्रामवासी
b) नगरवासी
c) व्यापारी
d) सैनिक
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Correct Answer: b) नगरवासी
Explanation: प्राचीन भारत में ‘नागर’ नगरवासी को कहा जाता था। नगरों में रहने वाले लोग व्यापार, शिल्प और अन्य आर्थिक गतिविधियों में संलग्न होते थे। नगर प्राचीन भारतीय समाज के महत्वपूर्ण केंद्र थे।
Q29. प्राचीन भारत में ‘धर्म’ का क्या अर्थ था?
a) धार्मिक अनुष्ठान
b) सामाजिक कर्तव्य
c) व्यापारिक नियम
d) सैन्य नियम
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Correct Answer: b) सामाजिक कर्तव्य
Explanation: प्राचीन भारत में ‘धर्म’ का अर्थ सामाजिक कर्तव्य था। यह व्यक्ति के जीवन में विभिन्न कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को दर्शाता था। धर्म का पालन समाज की स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता था।
Q30. प्राचीन भारत में ‘यज्ञ’ का क्या महत्व था?
a) धार्मिक अनुष्ठान
b) सामाजिक कर्तव्य
c) व्यापारिक नियम
d) सैन्य नियम
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Correct Answer: a) धार्मिक अनुष्ठान
Explanation: प्राचीन भारत में ‘यज्ञ’ धार्मिक अनुष्ठान था। यज्ञ में अग्नि के माध्यम से देवताओं को आहुति दी जाती थी। यह अनुष्ठान धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता था और समाज की समृद्धि और शांति के लिए किया जाता था।