गुप्ता काल के बाद और वर्धन राजवंश पर GK MCQs – प्राचीन भारतीय इतिहास
गुप्ता काल के बाद और वर्धन राजवंश पर GK MCQs प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, रेलवे और अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी है। इस काल में गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद वर्धन राजवंश का उदय हुआ, जिसने उत्तर भारत में राजनीतिक एकता को पुनः स्थापित किया।
Q1. पुष्यभूति वंश की स्थापना किसने की थी?
a) हर्षवर्धन
b) प्रभाकरवर्धन
c) राज्यवर्धन
d) श्रीगुप्त
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Correct Answer: b) प्रभाकरवर्धन
Explanation: पुष्यभूति वंश की स्थापना प्रभाकरवर्धन ने की थी। वे इस वंश के प्रथम महत्वपूर्ण शासक थे और उन्होंने उत्तर भारत में अपना शासन स्थापित किया। उन्होंने कई शत्रुओं को हराकर अपने राज्य का विस्तार किया और महाराजाधिराज की उपाधि धारण की।
Q2. वर्धन वंश की राजधानी कहाँ थी?
a) पाटलिपुत्र
b) उज्जैन
c) स्थानेश्वर
d) कन्नौज
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Correct Answer: c) स्थानेश्वर
Explanation: वर्धन वंश की प्रारंभिक राजधानी स्थानेश्वर (वर्तमान थानेसर, हरियाणा) थी। यह शहर पुष्यभूति वंश का मूल स्थान था। बाद में हर्षवर्धन ने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया, लेकिन वंश की शुरुआत स्थानेश्वर से ही हुई थी।
Q3. हर्षवर्धन किस वंश के अंतिम महान शासक थे?
a) गुप्त वंश
b) मौर्य वंश
c) वर्धन वंश
d) चालुक्य वंश
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Correct Answer: c) वर्धन वंश
Explanation: हर्षवर्धन वर्धन वंश के अंतिम महान शासक थे। उन्होंने 606 ई. से 647 ई. तक शासन किया और अपने साम्राज्य का विस्तार उत्तर और मध्य भारत के बड़े हिस्से पर किया। उनके शासनकाल को भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण युग माना जाता है।
Q4. हर्षवर्धन के दरबार में किस चीनी यात्री ने भ्रमण किया था?
a) फाह्यान
b) इत्सिंग
c) ह्वेनसांग
d) मेगस्थनीज
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Correct Answer: c) ह्वेनसांग
Explanation: चीनी यात्री ह्वेनसांग ने हर्षवर्धन के दरबार का भ्रमण किया था। उसने अपने यात्रा वृतांत ‘सी-यू-की’ में हर्षवर्धन के शासन और उसके साम्राज्य का विस्तृत वर्णन किया है। ह्वेनसांग ने हर्षवर्धन को एक न्यायप्रिय और उदार शासक के रूप में चित्रित किया है।
Q5. हर्षवर्धन की जीवनी ‘हर्षचरित’ किसने लिखी थी?
a) कालिदास
b) बाणभट्ट
c) विशाखदत्त
d) भारवि
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Correct Answer: b) बाणभट्ट
Explanation: हर्षवर्धन की जीवनी ‘हर्षचरित’ बाणभट्ट ने लिखी थी। यह संस्कृत में लिखी गई एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक रचना है जिसमें हर्षवर्धन के जीवन और उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन मिलता है। बाणभट्ट हर्षवर्धन के दरबार के प्रसिद्ध कवि थे।
Q6. हर्षवर्धन ने किस धर्म को अपनाया था?
a) हिंदू धर्म
b) बौद्ध धर्म
c) जैन धर्म
d) इस्लाम धर्म
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Correct Answer: b) बौद्ध धर्म
Explanation: हर्षवर्धन ने बौद्ध धर्म को अपनाया था। वे प्रारंभ में हिंदू धर्म के अनुयायी थे, लेकिन बाद में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। उन्होंने बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए कई विहारों और स्तूपों का निर्माण करवाया और बौद्ध विद्वानों को संरक्षण दिया।
Q7. हर्षवर्धन के साम्राज्य की दक्षिणी सीमा कौन सी नदी थी?
a) गंगा
b) यमुना
c) नर्मदा
d) गोदावरी
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Correct Answer: c) नर्मदा
Explanation: हर्षवर्धन के साम्राज्य की दक्षिणी सीमा नर्मदा नदी थी। उनका साम्राज्य उत्तर और मध्य भारत के बड़े हिस्से पर फैला था, जिसमें पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और उड़ीसा शामिल थे। नर्मदा नदी के दक्षिण में चालुक्य साम्राज्य था, जिसके साथ हर्षवर्धन का संघर्ष हुआ था।
Q8. हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद उनके साम्राज्य का क्या हुआ?
a) उनके पुत्र ने शासन संभाला
b) साम्राज्य का विभाजन हो गया
c) चालुक्यों ने अधिकार कर लिया
d) एक मंत्री ने सत्ता हथिया ली
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Correct Answer: b) साम्राज्य का विभाजन हो गया
Explanation: हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद उनके साम्राज्य का विभाजन हो गया। चूंकि उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं था, इसलिए साम्राज्य छोटे-छोटे राज्यों में बंट गया। यह वर्धन वंश के पतन का कारण बना और उत्तर भारत में फिर से राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हो गया।
Q9. वर्धन वंश के किस शासक ने ‘शक संवत’ की शुरुआत की?
a) प्रभाकरवर्धन
b) राज्यवर्धन
c) हर्षवर्धन
d) आदित्यवर्धन
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Correct Answer: c) हर्षवर्धन
Explanation: हर्षवर्धन ने ‘शक संवत’ की शुरुआत की। यह संवत उनके द्वारा शकों पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में शुरू किया गया था। हालांकि, यह संवत अधिक समय तक प्रचलन में नहीं रहा और बाद में विक्रम संवत और शक संवत ही प्रमुख रूप से प्रयोग में रहे।
Q10. हर्षवर्धन के शासनकाल में किस प्रसिद्ध विश्वविद्यालय का विकास हुआ?
a) तक्षशिला
b) नालंदा
c) विक्रमशिला
d) वल्लभी
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Correct Answer: b) नालंदा
Explanation: हर्षवर्धन के शासनकाल में नालंदा विश्वविद्यालय का विशेष विकास हुआ। यह बिहार में स्थित था और बौद्ध शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। हर्षवर्धन ने इस विश्वविद्यालय को संरक्षण दिया और इसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। नालंदा उस समय का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय था।