धर्म और दर्शन पर GK MCQs – प्राचीन भारतीय इतिहास
प्राचीन भारतीय इतिहास में धर्म और दर्शन ने भारतीय समाज, संस्कृति और राजनीति को गहराई से प्रभावित किया। वेद, उपनिषद, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और अन्य दार्शनिक प्रणालियों ने न केवल धार्मिक विश्वासों को आकार दिया, बल्कि सामाजिक सुधारों और नैतिक मूल्यों को भी बढ़ावा दिया। इस सेक्शन में हम आपको धर्म और दर्शन पर GK MCQs प्रदान कर रहे हैं, जो UPSC, SSC, बैंकिंग, रेलवे, और अन्य राज्यस्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अत्यंत उपयोगी हैं।
Q21. बौद्ध धर्म के अनुसार ‘सम्यक कर्म’ का क्या अर्थ है?
a) सही दृष्टिकोण
b) सही संकल्प
c) सही वाणी
d) सही कर्म
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Correct Answer: d) सही कर्म
Explanation: बौद्ध धर्म के अनुसार ‘सम्यक कर्म’ का अर्थ सही कर्म है। यह अष्टांगिक मार्ग का चौथा अंग है और इसमें सही और नैतिक कार्य करना शामिल है। सही कर्म का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में नैतिकता और सच्चाई बनी रहती है।
Q22. जैन धर्म के अनुसार ‘सम्यक दर्शन’ का क्या अर्थ है?
a) सही दृष्टिकोण
b) सही संकल्प
c) सही वाणी
d) सही कर्म
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Correct Answer: a) सही दृष्टिकोण
Explanation: जैन धर्म के अनुसार ‘सम्यक दर्शन’ का अर्थ सही दृष्टिकोण है। यह जैन धर्म का एक प्रमुख सिद्धांत है और इसके अनुसार व्यक्ति को जीवन की वास्तविकता को सही ढंग से समझना चाहिए। सही दृष्टिकोण का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सच्चाई और नैतिकता बनी रहती है।
Q23. बौद्ध धर्म के अनुसार ‘सम्यक आजीविका’ का क्या अर्थ है?
a) सही दृष्टिकोण
b) सही संकल्प
c) सही वाणी
d) सही आजीविका
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Correct Answer: d) सही आजीविका
Explanation: बौद्ध धर्म के अनुसार ‘सम्यक आजीविका’ का अर्थ सही आजीविका है। यह अष्टांगिक मार्ग का पांचवा अंग है और इसमें सही और नैतिक तरीके से आजीविका कमाना शामिल है। सही आजीविका का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में नैतिकता और सच्चाई बनी रहती है।
Q24. जैन धर्म के अनुसार ‘सम्यक ज्ञान’ का क्या अर्थ है?
a) सही दृष्टिकोण
b) सही संकल्प
c) सही वाणी
d) सही ज्ञान
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Correct Answer: d) सही ज्ञान
Explanation: जैन धर्म के अनुसार ‘सम्यक ज्ञान’ का अर्थ सही ज्ञान है। यह जैन धर्म का एक प्रमुख सिद्धांत है और इसके अनुसार व्यक्ति को सही और सच्चे ज्ञान की प्राप्ति करनी चाहिए। सही ज्ञान का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सच्चाई और नैतिकता बनी रहती है।
Q25. बौद्ध धर्म के अनुसार ‘सम्यक प्रयास’ का क्या अर्थ है?
a) सही दृष्टिकोण
b) सही संकल्प
c) सही वाणी
d) सही प्रयास
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Correct Answer: d) सही प्रयास
Explanation: बौद्ध धर्म के अनुसार ‘सम्यक प्रयास’ का अर्थ सही प्रयास है। यह अष्टांगिक मार्ग का छठा अंग है और इसमें सही और नैतिक प्रयास करना शामिल है। सही प्रयास का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में नैतिकता और सच्चाई बनी रहती है।
Q26. जैन धर्म के अनुसार ‘सम्यक चरित्र’ का क्या अर्थ है?
a) सही दृष्टिकोण
b) सही संकल्प
c) सही वाणी
d) सही चरित्र
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Correct Answer: d) सही चरित्र
Explanation: जैन धर्म के अनुसार ‘सम्यक चरित्र’ का अर्थ सही चरित्र है। यह जैन धर्म का एक प्रमुख सिद्धांत है और इसके अनुसार व्यक्ति को नैतिक और सच्चे चरित्र का पालन करना चाहिए। सही चरित्र का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में नैतिकता और सच्चाई बनी रहती है।
Q27. बौद्ध धर्म के अनुसार ‘सम्यक स्मृति’ का क्या अर्थ है?
a) सही दृष्टिकोण
b) सही संकल्प
c) सही वाणी
d) सही स्मृति
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Correct Answer: d) सही स्मृति
Explanation: बौद्ध धर्म के अनुसार ‘सम्यक स्मृति’ का अर्थ सही स्मृति है। यह अष्टांगिक मार्ग का सातवां अंग है और इसमें सही और सच्ची स्मृति का पालन करना शामिल है। सही स्मृति का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सच्चाई और नैतिकता बनी रहती है।
Q28. जैन धर्म के अनुसार ‘सम्यक तप’ का क्या अर्थ है?
a) सही दृष्टिकोण
b) सही संकल्प
c) सही वाणी
d) सही तप
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Correct Answer: d) सही तप
Explanation: जैन धर्म के अनुसार ‘सम्यक तप’ का अर्थ सही तप है। यह जैन धर्म का एक प्रमुख सिद्धांत है और इसके अनुसार व्यक्ति को सही और सच्चे तप का पालन करना चाहिए। सही तप का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सच्चाई और नैतिकता बनी रहती है।
Q29. बौद्ध धर्म के अनुसार ‘सम्यक समाधि’ का क्या अर्थ है?
a) सही दृष्टिकोण
b) सही संकल्प
c) सही वाणी
d) सही समाधि
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Correct Answer: d) सही समाधि
Explanation: बौद्ध धर्म के अनुसार ‘सम्यक समाधि’ का अर्थ सही समाधि है। यह अष्टांगिक मार्ग का आठवां अंग है और इसमें सही और सच्ची समाधि का पालन करना शामिल है। सही समाधि का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सच्चाई और नैतिकता बनी रहती है।
Q30. जैन धर्म के अनुसार ‘सम्यक आचरण’ का क्या अर्थ है?
a) सही दृष्टिकोण
b) सही संकल्प
c) सही वाणी
d) सही आचरण
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Correct Answer: d) सही आचरण
Explanation: जैन धर्म के अनुसार ‘सम्यक आचरण’ का अर्थ सही आचरण है। यह जैन धर्म का एक प्रमुख सिद्धांत है और इसके अनुसार व्यक्ति को नैतिक और सच्चे आचरण का पालन करना चाहिए। सही आचरण का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सच्चाई और नैतिकता बनी रहती है।